दि फर्टिलाइज़र्स एण्ड केमिकल्स ट्रावनकोर लिमिटेड(एफ ए सी टी)
7.2.1. विहंगावलोकन
7.2.1.1 दि फर्टिलाइज़र्स एण्ड केमिकल्स ट्रावनकोर लिमिटेड को 1943 में निगमित किया गया था जो भारत के बडे पैमाने के उर्वरक संयंत्रों में प्रथम था। केरल के उद्योगमंडल में स्थित एफएसीटी ने 1947 में उत्पादन शुरू किया। प्रारंभ में शेषसाई ब्रदर्स द्वारा निजी क्षेत्र के रूप में प्रवर्तित एफ ए सी टी वर्ष 1960 में एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम बन गया और 1962 के अंत तक भारत सरकार इसकी मुख्य शेयरधारक बन गई।
7.2.1.2. एक साधारण शुरूआत से, एफ ए सी टी आगे बढकर एक बहुसंभागीय/बहु कार्य संगठन के रूप में विकसित हुआ जिसके बुनियादी कार्यकलापों में उर्वरकों एवं पेट्रोरसायनों का विनिर्माण एवं विपणन, अभिकल्प, अभियांत्रिकी एवं परामर्शी कार्य तथा औद्योगिक उपस्करों की विरचना एवं निर्माण शामिल है ।
7.2.1.3. अप्रैल-दिसंबर, 2014 की अवधि के लिए कंपनी का उत्पादन और वित्तीय निष्पादन गत वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कमी दर्शाता है। अप्रैल-दिसंबर 2014 के दौरान फेक्टमफोस का उत्पादन 449938 मी.टन था जबकि अप्रैल-दिसंबर 2013 के दौरान उत्पादन 493145 मी.टन था। इसी प्रकार अप्रैल-दिसम्बर, 2014 के दौरान अमोनियम सल्फेट का उत्पादन 67332 मी.टन था जबकि अप्रैल-दिसंबर 2013 के दौरान का उत्पादन 130404 मी.टन था। अप्रैल-दिसंबर 2014 की अवधि के लिए वित्तीय परिणाम (अंनतिम), अप्रैल-दिसंबर 2013 की 167 करोड़ रुपए की निवल हानि की तुलना में 264 करोड़ रुपए की निवल हानि का दर्शाते हैं।
7.2.2. दृष्टिकोण/मिशन
एफएसीटी का मिशन उर्वरक, पेट्रोरसायन और अन्य कारोबारों जैसे इंजीनियरिंग/प्रौद्योगिकी सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है ।
7.2.3. औद्योगिक/व्यवसाय प्रचालन
7.2.3.1 वित्तीय निष्पादन
करोड़ रुपए में
विवरण |
2014-15 |
2013-14 |
|
अप्रैल से दिसंबर 2014 |
अप्रैल से दिसंबर 2013 |
वर्ष 2013-14 के लिए |
|
कारोबार |
1539.49 |
1856.09 |
2276.22 |
कर पूर्व लाभ/हानि(-) |
-263.54 |
-167.72 |
-264.96 |
कर पश्चात् लाभ/हानि(-) |
-263.54 |
-167.72 |
-264.96 |
7.2.3.2. वास्तविक निष्पादन
मी.टन में
उत्पाद
|
उत्पादन क्षमता
|
वास्तविक उत्पादन |
||
अप्रैल से दिसंबर 2014 |
अप्रैल से दिसंबर 2013 |
वर्ष 2013-14 के लिए |
||
फेक्टमफोस20:20 |
633500 |
449936 |
493145 |
660079 |
अमोनियम सल्फेट |
200000 |
67332 |
130404 |
178792 |
केप्रोलेक्टम |
50000 |
शून्य |
शून्य |
शून्य |
7.2.4. निष्पादन विशिष्टियाँ
7.2.4.1 दिसंबर 2014 तक चालू वर्ष के दौरान, कंपनी ने एनपी का 449938 मी.टन का उत्पादन किया है जो लक्ष्य का 92% है। इस अवधि के दौरान अमोनियम सल्फेट का उत्पादन 67332 मी.टन था जो लक्ष्य का 49% है।
7.2.4.2 एफएसीटी ने आरएलएनजी की उच्च लागत के कारण अपने उर्वरक उत्पादन के लिए अमोनिया का आयात किया। आयात संबंधी संभारतंत्रिय समस्याएँ एवं अमोनिया का संचलन उत्पादन के लक्ष्य किए गए स्तर को पाने में बाधक रहे हैं।
7.2.4.3 वर्ष के दौरान केप्रोलेक्टम का उत्पादन शुरू नहीं हुआ, क्योंकि उत्पाद की आर्थिक व्यवहार्यता में पर्याप्त सुधार नहीं हुआ। केप्रोलेक्ट्म के उत्पादन के अभाव में, अमोनियम सल्फेट का उत्पादन डायरेक्ट न्यूट्रलाइजेशन द्वारा जारी रखा गया है। पहले ही कार्यान्वित आंतरिक आशोधनों के साथ केप्रोलेक्टम उत्पादन के अभाव में भी कंपनी अमोनियम सल्फेट उत्पादन स्तर के मासिक लक्ष्यों की पूर्ति करने में सक्षम हुई है।
7.2.4.4 वित्तीय वर्ष के दौरान, दिसंबर 2014 तक उर्वरकों की कुल बिक्री गत वर्ष की इसी अवधि के 6.98 लाख मी.टन की तुलना में 6.20 लाख मी.टन थी। कंपनी ने चालू वर्ष की दिसंबर तक की अवधि के दौरान 29724 मी.टन आयातित उर्वरकों का विक्रय किया। गत वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह आँकडे 39962 मी.टन थे। ज़िंक पुष्ट जिप्सम, फेक्ट ऑर्गैनिक और ज़िंकेटेड फेक्टमफोस का भी बाज़ार में विक्रय किया गया।
7.2.4.5. विपणन निष्पादन
वर्ष 2013-14 के दौरान बिक्री 1-4-2014 से 31-12-2014 तक की अवधि की बिक्री नीचे दी गई हैं:
(मी.टन )
उत्पाद |
बिक्री (2013-14) |
बिक्री (अप्रैल-दिसं 14) |
फेक्टमफोस 20:20:0:13 |
624925 |
474118 |
फेक्टमफोस (आयातित) |
25963 |
0 |
अमोनियम सल्फेट |
166418 |
75956 |
यूरिया(आयातित) |
15 |
0 |
एम ओ पी(आयातित) |
14029 |
29724 |
थैलाबंद जिप्सम |
44524 |
23758 |
जैव उर्वरक |
22 |
37 |
ऑर्गैनिक |
8849 |
5483 |
केप्रोलेक्टम |
0 |
0 |
मिश्रित |
10069 |
6730 |
ज़िंकेटेड फेक्टमफोस |
3041 |
4466 |
कुल |
897855 |
620272 |
7.2.5 कार्यनीतिक मुद्दे
7.2.5.1 एफएसीटी ने 4 अक्तूबर 2013 को फीडस्टॉक के तौर पर अमोनिया संयंत्र प्रचालनों को एलएनजी में सफलतापूर्वक परिवर्तित कर दिया है, लेकिन अमोनिया का कैप्टिव उत्पादन जनवरी 2014 के दौरान बंद कर दिया गया क्योंकि एलएनजी की लागत अत्यधिक उच्च थी।
7.2.5.2 कंपनी ने रुग्ण औद्योगिक कंपनी(विशेष प्रावधान) अधिनियम 1985 (एस आई सी ए 1985)के प्रावधानों के अनुसार औद्योगिक और वित्तीय पुनर्गठन बोर्ड (बी आई एफ आर) को औपचारिक पत्र प्रस्तुत किया था ।
7.2.5.3 रुग्णता और वहनीय प्रचालनों से बाहर आने के लिए, कंपनी ने भारत सरकार को एक वित्तीय पुन:संरचना पैकेज प्रस्तुत किया है, जिसकी सिफारिश बीआरपीएसई ने की है तथा अब वह सरकार के विचाराधीन है ।
7.2.6. मानव संसाधन प्रबंधन
7.2.6.1. 31.12.2014 की स्थिति के अनुसार जनशक्ति
|
|
|
निम्नलिखित से संबंधित कर्मचारियों की संख्या: |
|||
समूह |
कुल कर्मचारी |
अजा |
अजजा |
भूतपूर्व सैनिक |
शारीरिक रूप से विकलांग |
अ पि व |
क |
378 |
60 |
10 |
0 |
3 |
55 |
ख |
1365 |
160 |
53 |
8 |
20 |
421 |
ग |
489 |
59 |
12 |
8 |
6 |
197 |
घ* |
399 |
63 |
10 |
1 |
30 |
172 |
कुल |
2631 |
342 |
85 |
17 |
59 |
845 |
7.2.7 लोक शिकायतों का निवारण और कल्याणकारी उपाय
7.2.7.1 भारत सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार कंपनी में लोक शिकायत प्रकोष्ठ कार्यरत है।
7.2.7.2 कंपनी में कर्मचारियों की शिकायतों के निवारण के लिए एक कार्य प्रणाली विद्यमान है। सामान्यत: शिकायतें काम, काम की जगह, पारी व्यवस्था, वेतन वृद्धि की मंजूरी, पदोन्नति, वेतन नियतन, स्थानांतरण आदि से संबंधित होते हैं। असंतुष्ट कर्मचारी संभाग में शिकायत–निवारण के लिए एक शिकायत/आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं और संभागाध्यक्ष के निर्णय के बाद भी यदि वह असंतुष्ट है तो उसे समुचित शिकायत समिति के सम्मुख प्रस्तुत कर सकता है। प्रबंधकीय और अप्रबंधकीय कर्मचारियों के लिए अलग-अलग शिकायत समितियाँ कार्यरत हैं। आवश्यकता पडने पर संबंधित व्यक्ति को अपनी शिकायत समिति के सामने प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाता है। संबंधित समिति शिकायत पर विचार-विमर्श करती है और अपनी सिफारिश समुचित कार्रवाई के लिए प्रबंधकमंडल को प्रस्तुत करती है। इसके अलावा, अजा/अजजा शिकायत प्रकोष्ठ भी है, जो अजा/अजजा कर्मचारियों से प्राप्त शिकायतों पर विचार करता है।
7.2.7.3. अल्पसंख्यक वर्गों का कल्याण
कंपनी ने अल्पसंख्यक वर्गों के कल्याण के लिए निम्न प्रकार की सुविधाओं का प्रावधान किया है :-
क) फैक्ट जंक्शन के समीप उद्योगमंडल में मस्जिद के लिए भूमि
ख) उद्योगमंडल में क्रिश्चियन श्मशान के लिए भूमि
ग) जे एन एम अस्पताल, उद्योगमंडल के पास सेंट जोसफ गिरिजाघर के लिए रास्ता
घ) सी एस आई गिरजाघर, अंबलमेडु के लिए भूमि (25.51 सेंट)
ड.) अंबलमेडु के कैथलिक गिरजाघर के लिए भूमि (44.73 सेंट)
च) अंबलमेडु के मारथोमा गिरजाघर के लिए भूमि (45.01 सेंट)
छ) अंबलमेडु के जैकोबाइट सीरियन गिरजाघर के लिए भूमि (40 सेंट)
ज) अंबलमेडु में मस्जिद के लिए भूमि (40 सेंट)
झ) अंबलमेडु में उपर्युक्त 4 क्रिस्तीय गिरजाघरों के लिए 4 अलग-अलग श्मशान
ञ) अंबलमेडु में मुसलमानों के लिए श्मशान मैदान (कब्रिस्तान)
ट) उद्योगमंडल में मुसलमानों के लिए श्मशान मैदान
7.2.7.4. महिलाओं का कल्याण, विकास एवं सशक्तीकरण
7.2.7.4.1 तकनीकी और प्रशासनिक दोनों पदों की भर्ती में महिलाओं को समान अवसर का प्रावधान किया गया है। चौबीस घंटों में पारी में काम करने में इन्हें छूट दी गई है। एक ही तरह का काम करने वाले दोनों वर्गों के कर्मचारियों को समान पारिश्रमिक दिया जाता है। वर्गों के आधार पर कोई भेद-भाव नहीं है। इससे हमारी कुछ महिला कर्मचारी अपने कामों के संबंधित क्षेत्र में अग्रगण्य होकर उत्कृष्ट निष्पादन और उपलब्धियों के लिए प्रदान किए जाने वाले वांछित पात्रता पुरस्कार के लिए चुने जाने के योग्य बनने में सक्षम हुई हैं।
7.2.7.4.2 रसायन, विद्युत, सिविल, कम्प्यूटर, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग जैसे विविध अभियांत्रिकी क्षेत्रों में संयुक्त महा प्रबंधक, मुख्य प्रबंधक/मुख्य अभियंता एवं उप मुख्य प्रबंधक/उप मुख्य अभियंता और वित्त, मानव संसाधन, सामग्री, विपणन आदि जैसे प्रशासनिक विधाओं में महिला कार्यपालक प्रबंधन संवर्ग में प्रमुख पद संभाल रही हैं।
7.2.7.4.3 प्रसूति सुविधा अधिनियम के अधीन महिला कर्मचारी 90 दिनों की प्रसूति छुट्टी और गर्भावस्था, प्रसूति, गर्भपात आदि से संबंधित चिकित्सा सुविधाओं की हकदार हैं। कारखाना अधिनियम के प्रावधानों के अधीन, महिला कर्मचारियों का कार्य समय कारखाना अधिनियम के अधीन पूर्वाह्न 6.00 बजे से अपराह्न 7.00 बजे के बीच प्रतिबंधित किया गया है। माताओं को दो बार 15 मिनट का फीडिंग समय दिया जाता है अथवा विकल्प में उनके शिशुओं के फीडिंग के लिए एक साथ 30 मिनट का समय दिया जाता है जो प्रसूति के बाद अधिकतम 15 महीने की अवधि तक दिया जाता है।
7.2.7.4.4. भारत सरकार के आदेशों के अनुसार, परिवार नियोजन ऑपरेशन करने वाली महिला को 2 हफ्ते तक की विशेष छुट्टी प्रदान की जाती है। महिला कर्मचारियों के कल्याण के लिए एक शिशुगृह का प्रावधान भी किया गया है।
7.2.7.4.5. महिला कर्मचारियों के लिए कार्यान्वित गैर-सांविधिक कल्याण उपाय: महिला कर्मचारियों और पुरुष कर्मचारियों की पत्नियों के सांस्कृतिक क्रियाकलापों के लिए कंपनी ने एक महिला क्लब प्रायोजित किया है। फैक्ट महिला कल्याण एसोसिएशन के नाम से महिला कर्मचारियों के लिए एक एसोसिएशन है जिसका क्रियाकलाप कल्याण कार्य करना है। एफएसीटी महिला कल्याण संगठन को महिला हॉस्टल चलाने के लिए रियायती दर पर दो मकान आबंटित किए गए हैं। 2 संतानों से कम वाली माताओं को कंपनी में 5 वर्षों की न्यूनतम अवधि तक काम करने की शर्त के अध्यधीन 45 दिनों की अतिरिक्त प्रसूति छुट्टी की शुरुआत की गई है।
7.2.7.4.6. कार्यस्थल में सुरक्षा
महिला कर्मचारियों पर कार्यस्थल पर होने वाले अत्याचारों/उत्पीडनों की शिकायतों को देखने के लिए एक पूर्ण विकसित और सक्रिय शिकायत समिति है। इस समिति की आधी सदस्य महिलाएं हैं जिनमें एक बाहरी सदस्य भी शामिल है जो जाने माने सामाजिक कार्य कॉलेज की महिला प्रोफेसर हैं।
7.2.8. अजा/अजजा का कल्याण
7.2.8.1. रोजगार/नई भर्ती
राष्ट्रपति के निदेशों के अनुसार अजा/अजजा के आरक्षण के लिए कंपनी ने सभी उपाय किए हैं। चालू वर्ष के दौरान, कुल 56 नियुक्तियों की तुलना में 8 अजा और 1 अजजा उम्मीदवारों को नियुक्त किया गया ।
7.2.8.2. प्रशिक्षण
प्रशिक्षण विभाग के ज़रिए कंपनी के कर्मचारियों को सेवाकालीन प्रशिक्षण दिया जाता है। आंतरिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए अजा/अजजा कर्मचारियों की अधिकतम उपस्थिति सुनिश्चित की जाती है। प्रशिक्षुता अधिनियम के अधीन प्रशिक्षुओं की नियुक्ति के लिए नियमावली के अनुसार प्रतिनिधित्व का प्रावधान किया जाता है।
7.2.8.3 अजा/ अजजा शिकायत समिति
कंपनी में अजा/अजजा कर्मचारियों की शिकायतों के निवारण के लिए एक अजा/अजजा प्रकोष्ठ कार्यरत है। इसमें एक अध्यक्ष होता है जो कंपनी में अजा/अजजा के आरक्षण के मामलों और शिकायतों के लिए मुख्य संपर्क अधिकारी होता है, विभिन्न प्रभागों के संपर्क अधिकारी और अजा और अजजा से संबंधित 2-2 अधिकारी शामिल होते हैं। प्राप्त शिकायतों की समिति द्वारा विस्तृत रूप से जांच की जाती है और उचित रूप से निवारण कर दिया जाता है और यदि आवश्यक पाया जाता है तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से अपना मामला प्रस्तुत करने के लिए प्रकोष्ठ में बुलाया जाता है। शिकायतों पर शिकायत प्रकोष्ठ द्वारा लिया गया निर्णय/कार्रवाई संबंधित कर्मचारी को सूचित किया जाता है। इसके अलावा अजा/अजजा कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली एसोसिएशन हैं और इन एसोसिएशंस द्वारा भी अजा/अजजा कर्मचारियों की वैयक्तिक शिकायतें सीधे निवारण के लिए प्रबंधक मंडल के सामने रखी जाती हैं।
7.2.8.5. डीलरशिप में आरक्षण
31.12.2014 की स्थिति के अनुसार
डीलरशिप की श्रेणी |
31-12-2014 को |
31-12-2013 को |
संस्थागत डीलर |
1702 |
1702 |
अल्पसंख्यक |
0 |
0 |
अजा/अजजा डीलर |
600 |
570 |
निजी डीलर |
5584 |
5593 |
कुल डीलरशिप |
7886 |
7865 |
अजा/अजजा डीलरों की वृद्धि के लिए किए गए उपाय: अजा/अजजा श्रेणी के अंतर्गत डीलरों की नियुक्ति में कोई प्रतिबंध नहीं है जबकि, सामान्य श्रेणी के आवेदनों में यह है। अजा/अजजा डीलरों को प्रतिभूति जमा से छूट दी गई है और सामान्य श्रेणी के डीलरों के समान नियत जमा की पूर्वापेक्षा नहीं की जाती।
7.2.9. निरन्तरता के लिए रोडमैप
एफएसीटी का पुनरुद्धार सुनिश्चित करने और वर्षों तक लगातार विकसित होने में उसे सहायता पहुंचाने के लिए, कंपनी ने प्रगति के पथ के रेखाचित्र वाला रोडमैप तैयार किया है। एफएसीटी का पुनरुद्धार करने के लिए योजनाओं को अल्पकालीन, मध्यकालीन और दीर्घकालीन योजनाओं में श्रेणीबद्ध किया जा सकता है। आशा की जाती है कि ये योजनाएँ कंपनी की उत्तरजीविता और विकास को सुनिश्चित करेंगी जिससे कारोबार उत्पादकता और लाभप्रदत्ता में सुधार करने में सहायता मिलेगी। नीचे इन योजनाओं का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:
7.2.9.1. अल्पकालीन योजनाएँ
एफएसीटी ने भारत सरकार से निम्नलिखित सहायता का अनुरोध किया है:
क) निवल मूल्य के क्षरण को रोकने, ब्याज कम करने, और कार्यशील पूँजी के तनाव को हल्का करने के लिए वित्तीय पुनर्गठन प्रस्ताव को मंजूरी देना।
ख) स्वदेशी गैस के आबंटन द्वारा एल एन जी मूल्य-निर्धारण के लिए समान अवसर प्रदान करना अथवा मूल्य समर्थन प्रणाली का कार्यान्वयन
ग) अनिवार्य नवीकरण, प्रतिस्थापन और अन्य योजनाओं के लिए योजना निधि समर्थन।
7.2.9.2. मध्यकालीन योजना
एफएसीटी ने कुछ मध्यकालीन परियोजनाओं की पहचान की है जो प्रथमत: आधारभूत संरचना संबंधी बाधाओं के निवारण हैं और वहनीय प्रचालन का लक्ष्य रखती हैं। मध्यकालीन योजना में पहचान की गई परियोजनाएँ निम्नलिखित हैं:
क) विलिंग्डन द्वीप में अतिरिक्त अमोनिया भंडारण
अमोनिया नौभार पार्सल आकार में विद्यमान बाधाओं को दूर करने के लिए विलिंग्डन द्वीप में अतिरिक्त अमोनिया भण्डारण क्षमता का होना ज़रूरी है। अत: यह प्रस्ताव किया जाता है कि विलिंग्डन द्वीप में वर्तमान टैंक के निकट 15000-20000 मी.टन क्षमतावाली एक अतिरिक्त अमोनिया संग्रह टंकी की स्थापना की जाय।
ख) कोचीन संभाग में एनपी का विस्तार
कोचीन संभाग में एन पी उत्पादन क्षमता में वृद्धि करने के लिए 1000 टन दैनिक क्षमता वाले एन पी संयंत्र की स्थापना प्रस्तावित है। इस संयंत्र के लिए प्राक्कलित पूँजी निवेश 216 करोड रुपए है। परियोजना को पर्यावरणीय निकासी प्राप्त हो चुकी है और डीपीआर अद्यतन किया जा रहा है।
ग) उद्योगमंडल में यूरिया संयंत्र
900 टन दैनिक क्षमता वाला कैप्टिव अमोनिया संयंत्र जो 1998 में उद्योगमंडल में चालू किया गया था, भारत में अब प्रचालन में रहने वाले अन्य गैस आधारित संयंत्रों की तुलना में बेहतर ऊर्जा उपभोग कर रहा है। 900 टन दैनिक क्षमता वाले अमोनिया संयंत्र की अपनी पूर्ण उत्पादन क्षमता का उपयोग करने के लिए एफएसीटी उद्योगमंडल में अपने विद्यमान अमोनिया संयंत्र के समीप 2000 मी.टन दैनिक क्षमता वाला एक यूरिया संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है। यह क्षमता विस्तार और ऊर्जा सुधार के लिए किया जाएगा।
घ) कच्चा माल संभार-तंत्र सुविधाओं का सुधार
सल्फर, रॉक फॉस्फेट, फॉस्फोरिक एसिड, सल्फयूरिक एसिड और अमोनिया जैसे कच्चे मालों का आयात किया जाता है और विलिंग्डन द्वीप में प्राप्त किया जाता है, वहाँ से सुविधानुसार सडक और बार्ज के माध्यम से उत्पादन संभागों को परिवहन किया जाता है। सल्फर, रॉक, सल्फ्यूरिक एसिड और फोस्फोरिक एसिड के लिए संभार-तंत्र में विद्यमान बाधाओं के निवारण के लिए कच्चे मालों की वर्द्धित आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एफएसीटी निजी बार्ज रखने की योजना बना रही है।
7.2.9.3. दीर्घकालीन योजना
एफएसीटी ने अपनी दीर्घकालीन योजना में मध्यवर्ती उत्पादों का सुधार और अंतिम उत्पादों की क्षमता में विकास समेत कुछ परियोजनाओं की पहचान की है। दीर्घकालीन योजना के लिए निम्नलिखित परियोजनाओं पर विचार किया गया है:-
क) कोचीन संभाग में फोस्फोरिक एसिड संयंत्र क्षमता विकास
ख) कोचीन संभाग में 2000 टन दैनिक क्षमता वाला सल्फ्यूरिक एसिड संयंत्र
ग) कोचीन संभाग में 3000 टन दैनिक क्षमता का एन पी के संयंत्र
घ) कच्चा माल परिवहन और संभार-तंत्र में संवर्धक
7.2.10 नैगम सामाजिक दायित्व
7.2.10.1 वर्ष 2014-15 के दौरान, कंपनी ने विभिन्न सामाजिक दायित्व वाले उपायों को प्राथमिकता दी है। चूँकि कंपनी निधियों की अत्यंत कमी का सामना कर रही है, सीएसआर कार्यकलापों को पेयजल की आपूर्ति, मृदा परीक्षण, गांव गोद लेने के कार्यक्रम और ऑर्गैनिक खादों के विपणन जैसे किसान शिक्षा कार्यक्रमों तक सीमित किया गया है ।
7.2.10.2 वर्ष 2013-14 के दौरान, उपर्युक्त किसान शिक्षा कार्यक्रमों के लिए 63.79 लाख रुपयों की राशि खर्च की गई। अप्रैल 2014 से दिसंबर 2014 तक मुफ्त मृदा परीक्षण और किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने गांव गोद लेने तथा अन्य किसान शिक्षा सेवाओं के लिए 23.74 लाख रुपए खर्च किए गए।