Skip to main content
150 years of celebrating the Mahatma Make in India Swachhta Bharat Mission 2015 Years of Soil

राजभाषा प्रभाग

उर्वरक विभाग में सरकारी कामकाज में हिन्दी का प्रयोग बढाने के लिए किए जा रहे उपाय तथा उपलब्धियां 

1.     उर्वरक विभाग में राजभाषा नीति का कार्यान्वयन और अनुवाद की व्यवस्था:   उर्वरक विभाग और इसके नियंत्रणाधीन उपक्रमों/संबद्ध कार्यालय में भारत सरकार की सुविचारित राजभाषा नीति का अनुपालन सुनिश्चित करने का कार्य और राजभाषा नीति के कार्यान्वयन संबंधी कार्यों का निष्पादन संयुक्त सचिव (प्रशासन) की देखरेख में करने के लिए दो उप निदेशक (राजभाषा), दो सहायक निदेशक (राजभाषा), तीन वरिष्ठ अनुवादक और एक कनिष्ठ अनुवादक के पद हैं। वर्तमान में, उप निदेशक (रा.भा) के दों पद, सहायक निदेशक (रा.भा.) का एक पद और वरिष्‍ठ अनुवादक का एक पद रिक्त है।

2.     राजभाषा कार्यान्वयन समिति : विभाग में संयुक्त सचिव (प्रशासन) की अध्यक्षता में राजभाषा कार्यान्वयन समिति गठित है। इस समिति की प्रत्येक तिमाही में बैठक आयोजित की जाती है, जिसमें विभाग और इसके नियंत्रणाधीन उपक्रमों/कार्यालय की तिमाही प्रगति रिपोर्टों की समीक्षा की जाती है और समीक्षा के दौरान पाई गई कमियों को दूर करने के लिए संबंधित कार्यालय/उपक्रमों को आवश्यक निदेश दिए जाते हैं। 

3.     राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(3) का अनुपालन: विभाग और इसके नियंत्रणाधीन कार्यालय/उपक्रमों/सहकारी समिति में राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(3) में यथा उल्लिखित सामान्य आदेश, अधिसूचना, संकल्प, परिपत्र आदि जैसे काग़ज़ात द्विभाषी रूप में जारी किए जाते हैं। उर्वरक विभाग में इस संबंध में जांच बिंदु बनाए गए हैं जिसके अंतर्गत ऐसे दस्‍तावेजों पर हस्‍ताक्षर करने वाले अधिकारी को यह दायित्‍व सौंपा गया है। 

4.     राजभाषा नियम, 1976 के नियम 5 का अनुपालन: विभाग में हिन्दी में प्राप्त सभी पत्रों के उत्तर नियमानुसार अनिवार्य रूप से हिन्दी में ही दिए जाते हैं। इस संबंध में किसी प्रकार की चूक न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को निदेश दिए गए हैं कि वे भेजे जा रहे पत्रों पर हस्ताक्षर करने से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि हिन्दी में प्राप्त पत्रों का उत्तर हिन्दी में ही दिया जा रहा है।

5.     हिन्दी भाषा, हिन्दी टंकण और हिन्दी आशुलिपि प्रशिक्षण: उर्वरक विभाग के सभी अधिकारी/कर्मचारी हिन्दी में प्रवीणता/कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त हैं। हिन्‍दी टंकण के प्रशिक्षण के लिए एक तथा आशुलिपिक प्रशिक्षण के लिए 4 कर्मचारी शेष हैं जिन्‍हें अगले सत्र में नामित किया जाएगा।

6.     पत्राचार में हिन्दी का प्रयोग : विभाग में 1 अप्रैल, 2016 से 31 मार्च, 2017 तक की अवधि के दौरान राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र के कार्यालयों और व्यक्तियों तथा केन्द्र सरकार के कार्यालयों के साथ हिन्दी पत्राचार ‘’क’’ क्षेत्र में 54.03%, ‘’ख’’ क्षेत्र में 53.01%, ‘’ग’’ क्षेत्र में 54.09%  रहा है। हिंदी पत्राचार बढ़ाने के प्रयासों के अंतर्गत मानक मसौदों के हिंदी अनुवाद उपलब्‍ध कराए गए। विभाग के सभी कंप्‍यूटरों में यूनिकोड मंगल फोंट उपलब्‍ध कराया गया है।

7.     राजभाषा नियम, 1976 के नियम 10(4) का अनुपालन : केन्द्रीय सरकार के किसी कार्यालय में कार्यरत कुल कर्मचारियों में से 80% या उससे अधिक कर्मचारियों को हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त हो जाने पर उस कार्यालय को नियम 10(4) के अंतर्गत भारत के राजपत्र में अधिसूचित करवाना अपेक्षित है। उर्वरक विभाग को दिनांक 19.04.1989 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित किया जा चुका है।

8.     राजभाषा नियम, 1976 के नियम 8(4) का अनुपालन : विभाग में सरकारी कामकाज में हिन्दी का प्रयोग बढ़ाने की दृष्टि से सरकारी कामकाज मूलत: हिन्दी में करने के लिए विभाग के छ: अनुभागों को विनिर्दिष्ट किया गया है और हिन्दी में प्रवीणता प्राप्त सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को नियम 8(4) के अंतर्गत अधिसूचित किया गया है और उन्‍हें अपना समस्त कार्य मूल रूप से हिन्दी में करने के लिए व्‍यक्‍तिश: निर्देश दिए गए हैं।  

9.     हिन्दी कार्यशालाओं का आयोजन : सरकारी कामकाज हिन्दी में करने की झिझक को दूर करने तथा टिप्पण/प्रारूप लेखन का प्रशिक्षण देने के लिए उर्वरक विभाग और इसके नियंत्रणाधीन कार्यालय/उपक्रमो में समय-समय पर हिन्दी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। इन कार्यशालाओं के माध्यम से अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना सरकारी कामकाज सरल और आम बोलचाल की भाषा में करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और साथ ही संघ की राजभाषा नीति की जानकारी भी दी जाती है। विभाग में तीन हिन्दी कार्यशालाओं का आयोजन किया गया जिसमें विभाग के कुल 12 अधिकारियों एवं 25 कर्मचारियों ने भाग लिया।

10.    हिन्दी में मूल टिप्पण/प्रारूप लेखन के लिए प्रोत्साहन योजना  राजभाषा विभाग द्वारा हिन्दी में टिप्पण/प्रारूप लेखन के लिए प्रारम्भ की गई प्रोत्साहन योजना भी वर्ष के दौरान जारी रही। इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2015-16 के दौरान चार पुरस्कार प्रदान किए गए। 

11.    हिन्दी दिवस/हिन्दी पखवाड़े का आयोजन : विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों में सरकारी कार्य में हिन्दी के प्रयोग को बढावा देने विभाग द्वारा 14 सितम्बर, 2016 से 28 सितम्बर, 2016 तक आयोजित हिन्दी पखवाड़े़ के दौरान हिन्दी निबन्ध लेखन, हिन्दी टंकण, हिंदी टिप्पण/प्रारूप लेखन, कविता पाठ प्रतियोगिता, हिंदी आशुभाषण प्रतियोगिता और सामान्‍य ज्ञान प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं थीं जिनमें विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर हिस्‍सा लिया एवं 36 अधिकारियों/कर्मचारियों ने पुरस्‍कार प्राप्‍त किए। इस वर्ष पखवाड़े के दौरान आयोजित की गई प्रतियोगिताओं के पुरस्‍कारों की नकद राशि को बढ़ाया गया है। अब प्रथम पुरस्‍कार की राशि बढ़कर 3000/- रुपए, द्वितीय पुरस्‍कार 2500/- रुपए, तृतीय पुरस्‍कार 2000/- रुपए और सांत्‍वना पुरस्‍कार 1500/- रुपए हो गई है।

12.    हिन्दी के प्रगामी प्रयोग की स्थिति का निरीक्षण : विभाग के नियंत्रणाधीन उपक्रमों/सहकारी समिति और उनकी इकाइयों में राजभाषा हिन्दी के प्रगामी प्रयोग और राजभाषा नीति के अनुपालन की स्थिति का जायजा लेने के लिए समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है तथा राजभाषा विभाग द्वारा जारी नियमों/आदेशों आदि से उन्‍हें अवगत कराया जाता है। निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों को कार्यालय प्रमुख के ध्यान में लाया जाता है और उनसे अनुरोध किया जाता है कि वे उन कमियों को दूर करें और अपने कार्यालय के कामकाज में राजभाषा हिन्दी का प्रयोग वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार करें। वर्ष के दौरान विभाग के नियंत्रणाधीन 05 कार्यालयों का राजभाषायी निरीक्षण किया गया।

उपलब्धियां

1.     उर्वरक विभाग में संयुक्त सचिव (प्रशासन) की अध्यक्षता में राजभाषा कार्यान्वयन समिति की तिमाही बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जा रही हैं।

2.     उर्वरक विभाग के द्वितीय तल पर स्थित मुख्य द्वार पर एक बोर्ड लगाया गया है जिस पर प्रतिदिन हिन्दी का एक शब्द और उसका अँग्रेज़ी पर्याय लिखा जाता है, ताकि अधिकारियों/कर्मचारियों का हिन्दी के प्रयोग के प्रति रुझान बढ़े।

3.     उर्वरक विभाग ने अपनी कार्यालय शब्‍दावली बनाई है जिसे विभाग के सभी अनुभागों को वितरित किया गया है। भविष्‍य में इसे वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।

4.     उर्वरक विभाग 01.07.2017 को रसायन और उर्वरक मंत्रालय की हिन्‍दी सलाहकार समिति की बैठक बंगलूरू में आयोजित की गईं।