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मद्रास फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एम एफ एल)

प्रस्‍तावना  

मद्रास फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एमएफएल) का निगमन दिसम्‍बर, 1966 में भारत सरकार और ओमोको इंडिया इनकॉर्पोरेशन ऑफ यूएसए (अमोको) के बीच एक संयुक्‍त उद्यम के रूप में हुआ था जिसमें भारत सरकार की इक्विटी शेयर पूंजी 51% थी। वर्ष 1972 में एनआईओसी ने अमोको के 50% शेयर प्राप्‍त कर लिए थे तथा भारत सरकार की शेयरधारिता 51% और ओमोको और एनआईओसी प्रत्‍येक की 24.5% की थी।

वर्ष 1985 में अमोको ने अपने शेयरों का विनिवेश किया; जिन्‍हें भारत सरकार और एनआईओसी द्वारा 22.07.1985 के अपने-अपने अनुपात में खरीदा गया था। संशोधित शेयरधारिता पद्धति में भारत सरकार की शेयरधारिता 67.55% और एनआईओसी की 32.45% थी। परियोजना का आंशिक वित्‍त-पोषण करने के लिए 1994 में राहइट्स इश्‍यू जारी करने के बाद भारत सरकार और एनआईओसी की शेयरधारिता 69.78% और 30.22% हो गई है।

वर्ष 1997 के दौरान एमएफएल ने 2,86,30,000 शेयरों के पब्लिक इश्‍यू जारी किया था जिसमें प्रति शेयर अंकित मूल्‍य 10 रुपए और प्रीमियम 5 रुपए था। इनमें से 2,58,09,700 शेयर अभिदत्‍त किए गए थे। क्षेत्र-वार प्रदत्‍त शेयर पूंजी और शेयरधारिता पैटर्न निम्‍न प्रकार है :

शेयरधारिता 

करोड़/%  

भारत सरकार

95.85/59.50

एनआईओसी

41.52/25.77

जनता

23.73/14.73

योग

161.10/100.00

 

यद्यपि कंपनी की प्राधिकृत शेयर पूंजी 315 करोड़ है जिसमें 175 करोड़ रुपए की इक्विटी और 190 करोड़ अधिमान शेयर पूंजी के रूप में है। अधिमान शेयर पूंजी को अभी जारी और अभिदत्‍त किया जाना है। दिनांक 30.11.2010 को प्रदत्‍त इक्विटी 161.10 करोड़ थी।

एमएफएल ने 1971 में वाणिज्यिक उत्‍पादन शुरू किया था जिसकी वार्षिक स्‍थापित क्षमता 2,47,500 मी.टन अमोनिया, 2,92,050 मी.टन यूरिया और 5,40,000 मी.टन एनपीके थी। वर्ष 1988 में 601 करोड़ की लागत से व्‍यापक पुनरुद्धार/विस्‍तार किया गया था, जिससे वार्षिक स्‍थापित क्षमता बढ़कर 3,46,500 मी.टन अमोनिया, 4,86,750 मी.टन यूरिया और 8,40,000 मी.टन एनपीके हो गई थी। दिनांक 01.04.2003 से भारत सरकार ने एक नई मूल्‍य-निर्धारण योजना प्रारंभ की थी और मिश्रित उर्वरकों के लिए प्रशुल्‍क समिति की सिफारिशें अपनाई थीं। वर्ष 2003-04 में संचित हानि ने कुल निवल मूल्‍य को समाप्‍त कर दिया और इसलिए कंपनी को बीआईएफआर को संदर्भित किया गया था। भारत सरकार द्वारा संशोधित नई मूल्‍य-निर्धारण योजना (एनपीएस) चरण-।।। के कार्यान्‍वयन के कारण नियत लागत घटकर 10% तक सीमित हो गई थी, और वित्‍तीय वर्ष 2009-10 के लिए कंपनी का प्रचालन 6.88 करोड़ रुपए के लाभ के साथ समाप्‍त हुआ। वर्ष 2009-10 के दौरान, कंपनी ने 90% क्षमता उपयोग के साथ 4,36,100 मी.टन यूरिया का उत्‍पादन किया। कंपनी ने एनपीके 'क' ट्रेन को पुन: प्रारम्‍भ कर टोलिंग आधार पर आईपीएल के लिए 7335 मी.टन 20:20:0:13 का उत्‍पादन किया।

बीआईएफआर को संदर्भ  

निवल मूल्‍य के पूरी तरह समाप्‍त होने और इसका वर्तमान मूल्‍य ऋणात्‍मक होने के कारण कंपनी को औद्योगिक और वित्‍तीय पुनर्गठन बोर्ड (बीआईएफआर) को संदर्भित किया गया था। बीआईएफआर ने कंपनी को मामला सं. 501/2007 के रूप में दर्ज किया था। 2 अप्रैल, 2009 को हुई पहली सुनवाई में एमएफएल को एसआईसीए की धारा 15 के अंतर्गत एक रुग्‍ण कंपनी घोषित किया गया और भारतीय स्‍टेट बैंक (वाणिज्यिक शाखा, चेन्‍न्‍ई) को बीआईएफआर द्वारा पुनरुद्धार योजना का प्रारूप (डीआरएस) तैयार करने के लिए प्रचालन एजेंसी के रूप में नियुक्‍त किया गया।

डीआरएस का एक व्‍यावहारिक प्रस्‍ताव तैयार करने के लिए पीडीआईएल को एमएफएल के लिए व्‍यवहार्यता प्रस्‍ताव तैयार करने के लिए नियुक्‍त किया गया था और पीडीआईएल ने प्रचालन एजेंसी और कंपनी को यह प्रस्‍ताव प्रस्‍तुत कर दिया है। कंपनी ने बोर्ड के उचित अनुमोदन के साथ व्‍यवहार्यता प्रस्‍ताव उर्वरक विभाग को भेज दिया है। एमएफएल के लिए पीडीआईएल के व्‍यवहार्यता प्रस्‍ताव में कंपनी की तकनीकी व्‍यवहार्यता को विस्‍तार से कवर किया गया था और वित्‍तीय व्‍यवहार्यता पर भी थोड़ा-बहुत ध्‍यान दिया गया है। वित्‍तीय पुनर्वास को सुदृढ़ करने के लिए प्रचालन एजेंसी ने वित्‍तीय पुनर्वास प्रस्‍ताव तैयार करने के लिए एसबीआई कैप्‍स को नियुक्‍त किया था और तदनुसार एसबीआई कैप्‍स ने तैयार करके उसे प्रचालन एजेंसी और कंपनी को भेज दिया है, जिसने बोर्ड से अनुमोदन प्राप्‍त करने के बाद उर्वरक विभाग को रिपोर्ट अगली कार्यवाहियों के लिए भेज दी है। 

उत्‍पादन/निष्‍पादन  

एमएफएल की वार्षिक स्‍थापित क्षमता निम्‍न प्रकार है :-  

उत्‍पाद  

वार्षिक क्षमता 

 

पुनरुद्धार-पूर्व

पुनरुद्धार-उपरांत

अमोनिया

2,47,500

3,46,500

यूरिया

2,92,050

4,86,750

एनपीके

5,40,000

8,40,000

 

अप्रैल से दिसम्‍बर 2010 की अवधि के दौरान कंपनी ने 91.5% के क्षमता उपयेाग से 3,34,071 मी.

टन यूरिया का उत्‍पादन किया है। कंपनी को उम्‍मीद है कि वर्ष के दौरान 94.5% के क्षमता उपयोग से 4,60,000 मी.टन यूरिया का उत्पादन होगा। कंपनी की 40,000 मी.टन विजय 20:20:0:13 का उत्‍पादन करने की भी योजना है। वर्ष 2010-11 के दौरान कंपनी 450 मी.टन जैव उर्वरक का उत्‍पादन प्राप्‍त करेगी।

वित्‍तीय निष्‍पादन  

वर्ष 2009-10 के दौरान कंपनी को 6.88 करोड़ रुपए का लाभ हुआ था और 31 मार्च, 2010 को उसकी कुल संचित हानि 787.05 करोड़ रुपए थी। अप्रैल-दिसम्‍बर, 2010 की अवधि के दौरान कंपनी ने अनुमान लगाया है कि वह 1042.56 करोड़ रुपए के कुल कारोबार में से 52.59 करोड़ का लाभ अर्जित करेगी।

अल्‍पसंख्‍यकों के कल्‍याण तथा डीलरशिप में आरक्षण से संबंधित सूचना  

हम दस से अधिक उम्‍मीदवारों की भर्ती के लिए चयन समिति में अल्‍पसंख्‍यकों से प्रतिनिधि को शामिल करने पर भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं। श्री आर लारेंस, महाप्रबंधक (एचआर और एमएण्‍डडी) को वर्ष 2010 में तकनीकी सहायक प्रशिक्षु की हाल की भर्ती में, चयन समिति में पीएण्‍डए नामिती, ओबीसी प्रतिनिधि और अल्‍पसंख्‍यक प्रतिनिधि के रूप में नामित किया गया था। कंपनी में डीलरों की संख्‍या 5900 है जिसमें 1614 अ.जा./अ.ज.जा. डीलर हैं जो कुल संख्‍या का 27.14% बैठते हैं। अ.जा./अ.ज.जा. डीलरों को 5000/- रुपए की सुरक्षा जमा राशि को जमा करने से छूट दी जाती है तथा न्‍यूनतम बिक्री मानदण्‍डों से छूट दी जाती है।

पीएसयू द्वारा महिलाओं के कल्‍याण, विकास और अधिकारिता के लिए किए गए प्रयास और पहलें तथा स्‍त्री-पुरुष समानता के मुद्दों के लिए किए गए प्रावधान।  

एमएफएल को स्‍त्री-पुरुष समानता से संबंधित किसी समस्‍या का सामना नहीं करना पड़ा है। तथापि, एमएफएल में एक सार्वजनिक क्षेत्र में महिला विंग (डब्‍ल्‍यूआईपीएस) कार्य कर रही है और डब्‍ल्‍यूआईपीएस द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के लिए महिला कर्मचारियों को नामित किया जाता है। 

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