उर्वरक राजसहायता प्रभाग:
संयुक्त सचिव उर्वरक राजसहायता प्रभाग (पूर्व नाम-उर्वरक लेखा प्रभाग) के अध्यक्ष होते हैं तथा निदेशक (एफएस) उनकी सहायता करते हैं। उर्वरक राजसहायता प्रभाग ओमिफ्कों/कैनलाइज एजेंसियों की आयातित यूरिया की लागत का भुगतान, देख-रेख करने वाली एजेंसियों से यूरिया के पूल निर्गम कीमत की वसूली, नौका मालिकों को किए गए समुद्र मालभाड़ा भुगतान, आयातित यूरिया, स्वेदशी एवं आयातित पीएण्डके उर्वरकों के मालभाड़ा राजसहायता सहित एसएसपी तथा शहरी कंपोस्ट के संबंध में राजसहायता वितरण, एफएमएस तथा आईएफएमएस का प्रशासन, मालभाड़ा, बीमा प्रभार, सीमा शुल्क, देख रेख प्रभारों आदि के संवितरण का कार्य करता है। प्रत्यक्ष कृषि उपयोगों के लिए बेचे गए उर्वरकों पर राजसहायता का भुगतान किया जाता है।
उर्वरक राजसहायता प्रभाग का कार्य आवंटन
क. उर्वरक राजसहायता (आयातित) स्कंध :-
(i) आयातित पीएण्डके, एमओपी तथा आयातित यूरिया के संबंध में डीबीटी के अंतर्गत राजसहायता को रिलीज करना डीबीटी प्रणाली के अंतर्गत विभिन्न उर्वरक ग्रेडों पर 100% राजसहायता खुदरा विक्रेता द्वारा लाभार्थियों को की गई वास्तविक बिक्री के आधार पर उर्वरक कंपनियों को दी जाती है।
(ii) आयातित पीएण्डके उर्वरक: पोषक तत्व आधारित राजसहायता स्कीम के अंतर्गत ‘’लेखागत’’ 85% (बिना बैंक गांरटी)/90% (बैक गांरटी सहित) राजसहायता भुगतान तथा शेष 15%/10% राजसहायता दावों एव मालभाड़ा राजसहायता दावों को रिलीज करना।
(iii) आयातित यूरिया- 100% यूरिया के आयात लागत का भुगतान, 98% अग्रिम दावा तथा पूल्ड यूरिया की आयात लागत का 2% शेष दावा तथा 90% अग्रिम तथा 10% समुद्र मालभाड़ा दावों का भुगतान।
(iv) मास्टर नियंत्रण रजिस्टर (एमआरपी) का रख-रखाव
(v) आईएफएमएस (एकीकृत उर्वरक प्रबंधन प्रणाली) का प्रबंधन
ख. उर्वरक राजसहायता (स्वदेशी) स्कंध:-
(i) स्वदेशी पीएण्डके, डीएपी तथा एसएसपी के संबंध में डीबीटी के अंतर्गत राजसहायता जारी करना। डीबीटी प्रणाली के अंतर्गत खुदरा विक्रेता द्वारा लाभार्थियों को की गई वास्तविक बिक्री के आधार पर विभिन्न उर्वरक ग्रेडों पर 100% राजसहायता उर्वरक कंपनियों को जारी की जाती है।
(ii) स्वदेशी पीएण्डके उर्वरक:- पोषक तत्व आधारित राजसहायता स्कीम के अंतर्गत ‘’लेखागत’’ 85% (बिना बैंक गांरटी)/ 90%(बैक गांरटी सहित) राजसहायता दावे तथा शेष 15% से 10% राजसहायता दावे तथा मालभाड़ा राजसहायता दावो को रिलीज करना।
(iii) स्वदेशी एसएसपी उर्वरक:- पोषक तत्व आधारित राजसहायता स्कीम के अंतर्गत ‘’लेखागत’’ 85% (बिना बैंक गांरटी)/ 90%(बैक गांरटी सहित) राजसहायता दावे तथा शेष 15% से 10% राजसहायता दावे तथा मालभाड़ा राजसहायता दावो को रिलीज करना।
(iv) शहरी कंपोस्ट ‘’लेखागत’’ 50% राजसहायता दावे तथा शेष 50% राजसहायता दावो को रिलीज करना।
(ग) उर्वरक राजसहायता (स्वेदशी) स्कंध तथा उर्वरक राजसहायता (आयातित) स्कंध के विविध कार्य
(i) आंतरिक/सीएजी लेखा परीक्षा पैरा/ की गई कार्रवाई टिप्पणी (एटीएन)/लोक लेखा समिति रिपोर्ट/स्थायी समिति रिपोर्टे।
(ii) संसद प्रश्न/आश्वासन
(iii) आरटीआई मामले
(iv) न्यायालय मामले
(v) बजट अनुमान/संशोधित अनुमान/परिणामी बजट तैयार करना।
(vi) साप्ताहिक/मासिक/तिमाही/छमाही/वार्षिक रिपोर्टे प्रस्तुत करना।
(vii) उर्वरक विभाग के अन्य प्रभागों के साथ समन्वय तथा विभिन्न रिपोर्टों की प्रस्तुति।
(घ) उर्वरक उद्योग समन्वय समिति (एफआईसीसी):-
(i) स्वदेशी यूरिया के संबंध में डीबीटी के अंतर्गत राजसहायता रिलीज करना। डीबीटी प्रणाली के अंतर्गत विभिन्न उर्वरक ग्रेडों पर 100% राजसहायता खुदरा विक्रेताओं द्वारा लाभार्थियों को की गई वास्तविक बिक्री के आधार पर उर्वरक कंपनियों को जारी की जाती है।
(ii) स्वदेशी यूरिया के संबंध में ‘95% लेखागत: 5% बकाया भुगतान, मालभाड़ा राजसहायता, वृद्धि/कमी दावों का निपटान तथा यूरिया विनिर्माता इकाइयों से परिणामी वसूलियां।
(iii) स्वेदशी यूरिया पर राजसहायता के लिए बजट अनुमान/संशोधित अनुमान की तैयारी।
(iv) विशेष माह के दौरान राजसहायता रिलीज करना के लिए मासिक बजट की तैयारी।
(v) पीएओ के साथ व्यय का मिलान।
(vi) संसद/स्थायी समिति के प्रश्नों से संबंधित आंकड़े प्रस्तुत करना।
(vii) आंतरिक/सीएजी लेखा परीक्षा पैरा/एटीएन से संबंधित कार्य।
(viii) एसीटीएन के अंतर्गत राशि के संग्रहण तथा संवितरण से संबंधित कार्य।
(ix) परिणामी बजट, आरटीआई मामले, समीक्षा/रिकार्डों/फाइलों की सफाई/रख-रखाव तथा अन्य कार्य।
राजसहायता दावे तैयार करने हेतु उर्वरक लेखा प्रभाग की उर्वरक निगरानी प्रणाली:
उर्वरक विभाग का कार्य किसानों को वहनीय मूल्यों पर उर्वरक उपलब्ध कराना है। इसी व्यवस्था के वहनीय मूल्य भाग को राजसहायता प्राप्त उर्वरक के रूप में प्रदान किया जाता है। उर्वरकों का राजसहायता भाग जो कि उर्वरकों की लागत का 30 से 70 प्रतिशत तक होता है, कंपनियों को दिया जाता है ताकि किसानों को राजसहायता प्राप्त एमआरपी पर उर्वरक उपलब्ध हो सके। उर्वरकों की आवश्यकता का अनुमान राज्य सरकारों द्वारा कृषि एवं सहकारिता विभाग को प्रदान किया जाता है जो देश में उर्वरकों की आवश्यकता को अंतिम रूप देने के लिए उर्वरक विभाग के साथ समन्वय स्थापित करता है। विभिन्न राजसहायता प्राप्त ज़ कृत उर्वरकों के आयात, उत्पादन तथा संचलन की निगरानी तथा राजसहायता दावे तैयार करने के उद्देश्य से उर्वरक विभाग द्वारा एफएमएस, एमएफएमएस तथा आईएफएमएस जैसी विभिन्न साफ्टवेयर प्रणालियां शुरू की गईं।
(i). उर्वरक प्रबंधन प्रणाली (एफएमएस): उर्वरक विभाग ने मई, 2007 में देश में उर्वरकों के संचलन पर नजर रखने के उद्देश्य से एफएमएस का कार्यान्वयन किया है। यह उत्पादन बिंदु से जिला वेयरहाऊस तक डीएपी, एमओपी, एसएसपी, एनपीके तथा यूरिया (स्वदेशी तथा आयातित) उर्वरकों के उत्पादन, प्रेषण, पावती तथा विक्रय की निगरानी करता है। वर्तमान में, इस प्रणाली का प्रयोग संगत दस्तावेजी प्रमाण के साथ संयंत्र/पोत से जिला स्तर तक संचलन पर नजर रखने के लिए किया जाता है।
(ii) मोबाइल उर्वरक प्रबंधन प्रणाली (एमएफएमएस): अंतिम बिक्री केंद्र (खुदरा केंद्र) पर उत्पादन से पावती तक उर्वरक आपूर्ति श्रंखला में अधिक दृश्यता तथा पारदर्शिता प्राप्त करने के लिए 2012 में एमएफएमएस की शुरूआत की गई थी। राजसहायता प्राप्त उर्वरक नामत: यूरिया तथा फास्फेटयुक्त तथा पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरक जैसे डीएपी, एमएपी, टीएसपी, एमओपी, अमोनियम सल्फेट, एसएपी के 21 ग्रेडों तथा एनपीकेएस मिश्रित उर्वरकों के 15 श्रेणियों को एमएफएमएस के तहत शामिल किया गया है। पूरे देश में सभी पंजीकृत उर्वरक विनिर्माताओं (172), थोक विक्रेताओं (24149) तथा खुदरा विक्रेताओ (298729) के माध्यम से मोबाइल उर्वरक प्रबंधन प्रणाली (एमएफएमएस) की शुरुआत की गई है। मोबाईल उर्वरक प्रबंधन प्रणाली (एमएफएमएस) एफएमएस के विस्तार के रूप में प्रस्तावित था तथा यह जिला से खुदरा विक्रेता तक उर्वरकों के संचलन की निगरानी करता है। यह परिकल्पना की गई थी कि एमएफएमएस स्थान (इस मामले में खुदरा विक्रेता) से अंतिम बिंदु पर विक्रय की निगरानी करेगा तथा ऐसी सूची तैयार करेगा जो अंतिम रूप से राजसहायता के अंतरण के उद्देश्य से खुदरा विक्रेताओं/डीलरों को उनके दिन-प्रतिदिन के कार्य में सहायता करेगे तथा किसानों के डाटाबेस तैयार करेगे जिससे अंतत: किसानों को सहायता का अंतरण हो सके।
(iii) एकीकृत उर्वरक प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस): एकीकृत उर्वरक प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) 01 सितम्बर, 2016 से पूर्ण रूप से प्रचालन में है जो अधिक विस्तृत सर्व-समावेशी प्रणाली है, जो दोनों पूर्व प्रणालियों यथा एफएमएस तथा एमएफएमएस की विशेषताओं को समेकित, निगमित तथा वर्द्धित करता है।
आईएफएमएस प्रणाली की कार्यक्षमताएं
- लेन-देन: आईएफएमएस में कम्पनियों द्वारा दैनिक आधार पर दर्ज किए गए लेन-देन संबंधी ब्यौरों को लिया जाता है तथा यह प्रणाली हमेशा कच्चे माल/तैयार वस्तुओं का आयात, कस्टम क्लीयरेंस, संयंत्र, उत्पादन की पावती, संयंत्र तथा पोत से प्रेषण तथा विवरण, पावती, विक्रय, वेयरहाऊस ब्यौरा, थोक विक्रेता ब्यौरा तथा दावा सृजन – से संबंधित नवीनतम सूचना उर्वरक विभाग तथा राज्य सरकार को प्रदान करना है। प्रणाली में इन लेन-देन की विस्तृत रूप में सूचना होती है तथा यह प्रणाली उर्वरकों के संचलन की निगरानी तथा दावों के निपटान में विभागको सुविधा प्रदान करती है।
- राजसहायता दावे एवं मालभाड़ा राजसहायता: राजसहायता तथा मालभाड़ा दावे कंपनियों द्वारा सिस्टम पर तैयार किए जाते हैं तथा उर्वरक विभाग को भेजे जाते हैं।
- राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों को उनके अपने राज्यों में तैयार की गई पावतिओं को दर्ज करने, घटिया तथा कम मात्रा तथा प्रमाणित करने तथा सिस्टम में सीधे प्रपत्र ‘बी’ अपलोड करने के लिए प्रावधान तैयार किए गए हैं तथा राज्य सरकारों द्वारा गुणता प्रमाण पत्र (प्रोफार्मा बी 2) अपलोड करने के लिए भी प्रावधान तैयार किए गए हैं।
- सार्वजनिक डोमेन:- प्रणाली का सार्वजनिक डोमेन www.mfms.nic.in. है। विभिन्न श्रेणी के उर्वरकों की राज्य-वार, जिला-वार तथा कंपनी-वार प्रेषण तथा प्राप्ति के संबंध में यहां देखने के लिए विभिन्न रिपोर्टें उपलब्ध है।
- एसएपी का उत्पादन तथा संचलन: देश में एसएसपी का विनिर्माण तथा आपूर्ति कर रही लगभग 108 कंपनियां सिस्टम पर अपने लेन-देन दर्ज कर रही हैं।
- आईएफएमएस में प्रदान किया गया एमआईएस (प्रबंधन सूचना प्रणाली) उर्वरकों के बारे में अद्यतन जानकारी प्रदान करता है। कुछ संकेतात्मक रिपोर्टे निम्नलिखित है:
• राज्य-वार/जिला-वार/तैयार/वस्तु-वार प्रेषण रिपोर्ट
• राज्य-वार/जिला-वार/तैयार/वस्तु-वार/विक्रय रिपोर्ट
• जिला-वार/वितरण-वार विक्रय रिपोर्ट
• आपूर्ति योजना बनाम वास्तविक पावती
• राजसहायता योजना बनाम वास्तविक पावती
• आवश्यकता बनाम आपूर्ति योजना
वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए बजट अनुमान:
(राशि करोड़ रुपये में)
विवरण |
बजट 2017-18 |
आयातित यूरिया |
133360.00 |
स्वदेशी यूरिया |
34989.50 |
आयातित पीएंडके |
9260.00 |
स्वदेशी पीएंडके |
15820.35 |
शहरी कंपोस्ट |
10.00 |